तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर बनाने के लिये योजनाएँ दीं। वे योजनाएँ मन्दिर के चारों ओर प्रवेश—कक्ष बनाने, इसके भवन, इसके भंडार—कक्ष, इसके ऊपरी कक्ष, इसके भीतरी कक्ष और दयापीठ के स्थान के लिये थी।
मूसा ने साक्षीपत्र के उन पत्थरों को जिन पर यहोवा के आदेश लिखे थे, सन्दूक में रखा। मूसा ने बल्लियों को सन्दूक के छल्लों में लगाया। तब उसने ढक्कन को सन्दूक के ऊपर रखा।
तुम चुने गए करुब (स्वर्गदूत) थे। तुम्हारे पंख मेरे सिंहासन पर फैले थे और मैंने तुमको परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर रखा। तुम उन रत्नों के बीच चले जो अग्नि की तरह कौंधते थे।
परमेश्वर ने यीशु मसीह को, उसमें विश्वास के द्वारा पापों से छुटकारा दिलाने के लिये, लोगों को दिया। उसने यह काम यीशु मसीह के बलिदान के रूप में किया। ऐसा यह प्रमाणित करने के लिए किया गया कि परमेश्वर सहनशील है क्योंकि उसने पहले उन्हें उनके पापों का दण्ड दिये बिना छोड़ दिया था।
तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।
सन्दूक के ऊपर परमेश्वर की महिमामय उपस्थिति के प्रतीक यानी करूब बने थे जो क्षमा के स्थान पर छाया कर रहे थे। किन्तु इस समय हम इन बातों की विस्तार के साथ चर्चा नहीं कर सकते।