सुलैमान दाऊद के नगर से फिरौन की पुत्री को उस महल में लाया जिसे उसने उसके लिये बनाया था। सुलैमान ने कहा, “मेरी पत्नी राजा दाऊद के महल में नहीं रह सकती क्योंकि जिन स्थानों पर साक्षीपत्र का सन्दूक रहा हो, वे स्थान पवित्र हैं।”
उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे।
“जब इस्राएल के लोग नए स्थान की यात्रा करें तो हारून और उसके पुत्रों को चाहिए कि वे पवित्र तम्बू में जाएँ और पर्दे को उतारें और साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को उससे ढकें।
तब वे इन सबको सुइसों के चमड़े से बने आवरण में ढकें। तब वे पवित्र सन्दूक पर बिछे चमड़े पर पूरी तरह से एक नीला वस्त्र फैलाएंगे और पवित्र सन्दूक में लगे कड़ों में डंडे डालेंगे।
इसमें सुगन्धित सामग्री के लिए सोने की वेदी और सोने की मढ़ी वाचा की सन्दूक थी। इस सन्दूक में सोने का बना मन्ना का एक पात्र था, हारून की वह छड़ी थी जिस पर कोंपलें फूटी थीं तथा वाचा के पत्थर के पतरे थे।
फिर स्वर्ग में स्थित परमेश्वर के मन्दिर को खोला गया तथा वहाँ मन्दिर में वाचा की वह पेटी दिखाई दी। फिर बिजली की चकाचौंध होने लगी। मेघों का गर्जन-तर्जन और घड़घड़ाहट के शब्द भूकम्प और भयानक ओले बरसने लगे।