“प्रत्येक परिवार को घर के भीतर ही भोजन करना चाहिए। कोई भी भोजन घर के बाहर नहीं ले जाना चाहिए। मेमने की किसी हड्डी को न तोड़ें।
यहोवा उनकी सब हड्डियों की रक्षा करेगा। उनकी एक भी हड्डी नहीं टूटेगी।
किन्तु दुष्ट की दुष्टता उनको ले डूबेगी। सज्जन के विरोधी नष्ट हो जायेंगे।
अगली सुबह तक के लिए तुम्हें उसमें से कोई भी भोजन नहीं छोड़ना चाहिए। तुम्हें मेमने की किसी हड्डी को भी नहीं तोड़ना चाहिए। उस व्यक्ति को फसह पर्व के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
पर जब वे यीशु के पास आये, उन्होंने देखा कि वह पहले ही मर चुका है। इसलिए उन्होंने उसकी टाँगे नहीं तोड़ीं।
यह इसलिए हुआ कि शास्त्र का वचन पूरा हो, “उसकी कोई भी हड्डी तोड़ी नहीं जायेगी।”
जैसे हममें से हर एक का शरीर तो एक है, पर उसमें अंग अनेक हैं। और यद्यपि अंगों के अनेक रहते हुए भी उनसे देह एक ही बनती है, वैसे ही मसीह है।