मूसा ने अपनी लाठी को मिस्र देश के ऊपर उठाया और यहोवा ने पूर्व से प्रवल आँधी उठाई। आँधी उस पूरे दिन और रात चलती रही। जब सवेरा हुआ, आँधी ने मिस्र देश में टिड्डियों को ला दिया था।
सूरज जब आकाश में ऊपर चढ़ चुका था, परमेश्वर ने पुरवाई की गर्म हवाएँ चला दीं। योना के सिर पर सूरज चमक रहा था, और योना एक दम निर्बल हो गया था। योना ने परमेश्वर से चाहा कि वह वह उसे मौत दे दे। योना ने कहा, “मेरे लिये जीवित रहने से अच्छा है कि मैं मर जाऊँ।”