एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समूह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे।
उन कोठरियों को स्वच्छ और पवित्र बनाने के लिये मैंने आदेश दिये और फिर उन कोठरियों में मैंने मंदिर के पात्र तथा अन्य वस्तुएँ भेंट में चढ़ाया हुआ अन्न और सुगन्धित द्रव्य फिर से वापस रखवा दिये।