इन लोगों ने राजा को बुलाया। हिलकिय्याह का पुत्र एल्याकीम (एल्याकीम राजमहल का अधीक्षक था।) शेब्ना (शास्त्री) और आसाप का पुत्र योआह (अभिलेखपाल) उनसे मिलने आए।
तब योसादाक के पुत्र येशू और उसके साथ याजकों तथा शालतीएल के पुत्र जरूब्बाबेल और उसके साथ के लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर की वेदी बनाई। उन लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर के लिये वेदी इसलिए बनाई ताकि वे इस पर बलि चढ़ा सकें। उन्होंने उसे ठीक मूसा के नियमों के अनुसार बनाया। मूसा परमेश्वर का विशेष सेवक था।
जो याजक और लेवीवंशी यहूदा की धरती पर लौट कर वापस आये थे, वे ये थे। वे शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल तथा येशू के साथ लौटे थे, उनके नामों की सूची यह है: सरायाह, यिर्मयाह, एज्रा,
लेवीवंशी लोग ये थे: येशू बिन्नुई, कदमिएल, शेरेब्याह, यहूदा और मत्तन्याह भी। मत्तन्याह के सम्बन्धियों समेत ये लोग परमेश्वर के स्तुति गीतों के अधिकारी थे।
परमेश्वर यहोवा का सन्देश नबी हाग्गै के द्वारा शालतीएल के पुत्र यहूदा के शासक जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू को मिला। यह सन्देश फारस के राजा दारा के दूसरे वर्ष के छठें महीने के प्रथम दिन मिला था। इस सन्देश में कहा गया:
तब दूत ने मुझे महायाजक यहोशू को दिखाया। यहोशू यहोवा के दूत के सामने खङा था और शैतान यहोशू की दायीं ओर खड़ा था। शैतान वहाँ यहोशू द्वारा किये गए बुरे कामों के लिये दोष देने को था।