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क्रॉस रेफरेंस
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नहेम्याह 12:27

पवित्र बाइबल

लोगों ने यरूशलेम की दीवार का समर्पण किया। उन्होंने सभी लेवियों को यरूशलेम में बुलाया। सो लेवी जिस किसी नगर में भी रह रहे थे, वहाँ से वे आये। यरूशलेम की दीवार के समर्पण को मनाने के लिए वे यरूशलेम आये। परमेश्वर को धन्यवाद देने और स्तुतिगीत गाने के लिए लेवीवंशी वहाँ आये। उन्होंने अपनी झाँझ, सारंगी और वीणाएँ बजाईं।

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34 क्रॉस रेफरेंस  

लोगों ने दाऊद से कहा, “यहोवा ने ओबेद—एदोम के परिवार और उसकी सारी चीजों को आशीर्वाद दिया क्योंकि परमेश्वर का पवित्र सन्दूक वहाँ है।” इसलिये दाऊद गया और ओबेद—एदोम के घर से परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को दाऊद नगर से ले आया। दाऊद ने इसे प्रसन्नता से किया।

सुलैमान ने बाईस हजार पशुओं और एक लाख बीस हजार भेड़ों को मारा। ये सहभागिता भेटों के लिये थीं। यही पद्धति थी जिससे राजा और इस्राएल के लोगों ने मन्दिर का समर्पण किया अर्थात् उन्होंने यह प्रदर्शित किया कि उन्होंने मन्दिर को यहोवा को अर्पित किया।

दाऊद और इस्राएल के सभी लोग परमेश्वर के सम्मुख उत्सव मना रहे थे। वे परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे तथा गीत गा रहे थे। वे वीणा तम्बूरा, ढोल, मंजीरा और तुरही बजा रहे थे।

दाऊद ने उनसे से कहा, “तुम लोग लेवी परिवार समूह के प्रमुख हो। तुम्हें अपने और अन्य लेवीवंशियो को पवित्र बनाना चाहिये। तब साक्षीपत्र के सन्दूक को उस स्थान पर लाओ, जिसे मैंने उसके लिये बनाया है।

दाऊद ने लेनीवंशियों को उनके गायक भाईयों को लाने के लिये कहा। गायकों को अपनी वीणा, तम्बूरा और मंजीरा लाना था तथा प्रसन्नता के गीत गाना था।

इस प्रकार इस्राएल के सारे लोग यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को ले आए। उन्होंने उद्घोष किया, उन्होंने मेढ़े की सिंगी और तुरही बजाई और उन्होंने मँजीरे, वीणा और तम्बूरे बजाए।

दाऊद ने हारून के वंशजों और लेवीवंशियों को एक साथ बुलाया।

हेमान और यदूतून उनके साथ थे। उनका काम तुरही और मँजीरा बजाना था। वे अन्य संगीत वाद्य बजाने का काम भी करते थे, जब परमेश्वर की स्तुति के गीत गाये जाते थे। यदूतून का पुत्र द्वार की रखवाली करता था।

आसाप, प्रथम समूह का प्रमुख था। आसाप का समूह सारंगी बजाता था। जकर्याह दूसरे समूह का प्रमुख था। अन्य लेवीवंशी ये थेः यीएल, शमीरामोत, यहीएल, मत्तित्याह, एलीआब बनायाह, ओबेदेदोम और यीएल। ये व्यक्ति वीणा और तम्बूरा बजाते थे।

चार हजार लेवीवंसी द्वारपाल होंगे और चार हाजार लेवीवंशी संगीतज्ञ होंगे। मैंने उनके लिये विशेष वाद्य बनाए हैं। वे उन वाद्यों का उपयोग यहोवा की स्तुति के लिये करेंगे।”

हेब्रोन का परिवार समूह इस बात पर प्रकाश डालता है कि यरिय्याह उनका प्रमुख था। जब दाऊद चालीस वर्ष तक राजा रह चुका, तो उसने अपने लोगों को परिवार के इतिहासों से शक्तिशाली और कुशल व्यक्तियों की खोज का आदेश दिया। उनमें से कुछ हेब्रोन परिवार में मिले जो गिलाद के याजेर नगर में रहते थे।

राजा हिजकिय्याह ने लेवीवंशियों को यहोवा के मन्दिर में मंजीरों, तम्बूरों और वीणा के साथ रखा जैसा दाऊद, राजा का दृष्टा गाद और नातान नबी ने आदेश दिया था। यह आदेश नबियों द्वारा यहोवा के यहाँ से आया था।

राजा हिजकिय्याह और उसके अधिकारियों ने लेवीवंशियों को यहोवा की स्तुति का आदेश दिया। उन्होंने उन गीतों को गाया जिन्हें दाऊद और दृष्टा आसाप ने लिखा था। उन्होंने यहोवा की स्तुति की और प्रसन्न हुए। वे सभी झुके और उन्होंने यहोवा की उपासना की।

जो तुरही बजा रहे थे और गा रहे थे, वे एक व्यक्ति की तरह थे। जब वे यहोवा की स्तुति करते थे और उसे धन्यवाद देते थे तब वे एक ही ध्वनि करते थे। तुरही, झाँझ तथा अन्य वाद्य यन्त्रों पर वे तीव्र घोष करते थे, उन्होंने यहोवा की स्तुति में यह गीत गया: “यहोवा की स्तुति करो क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम शाश्वत है।” तब यहोवा का मन्दिर मेघ से भर उठा।

याजक अपना कार्य करने के लिये तैयार खड़े थे। लेवीवंशी भी यहोवा के संगीत के उपकरणों के साथ खड़े थे। ये उपकरण राजा दाऊद द्वारा यहोवा को धन्यवाद देने के लिये बनाए गए थे। याजक और लेवीवंशी कह रहे थे, “यहोवा का प्रेम सदैव रहता है!” जब लेवीवंशियों के दूसरी ओर याजक खड़े हुए तो याजकों ने अपनी तुरहियाँ बजाईं और इस्राएल के सभी लोग खड़े थे।

तब इस्राएल के लोगों ने अत्यन्त उल्लास के साथ परमेश्वर के मन्दिर का समर्पण उत्सव मनाया। याजक, लेवीवंशी, और बन्धुवाई से वापस आए अन्य सभी लोग इस उत्सव में सम्मिलित हुये।

इस्राएल के दूसरे लोग, अन्य याजक और लेवीवंशी यहूदा के सभी नगरों में रहने लगे। हर कोई व्यक्ति उस धरती पर रहा करता था जो उनके पूर्वजों की थी।

सो उस विशेष दिन, याजकों ने बहुत सी बलियाँ चढ़ाईं। हर कोई बहुत प्रसन्न था। परमेश्वर ने हर किसी को आनन्दित किया था। यहाँ तक कि स्त्रियाँ और बच्चे तक बहुत उल्लसित और प्रसन्न थे। दूर दराज के लोग भी यरूशलेम से आते हुए आनन्दपूर्ण शोर को सुन सकते थे।

इस्राएल के लोगों की उस समूची टोली ने जो बंधुआपन से छूट कर आयी थी, आवास बना लिये और वे अपनी बनाई झोंपड़ियों में रहने लगे। नून के पुत्र यहोशू के समय से लेकर उस दिन तक इस्राएल के लोगों ने झोंपड़ियों के त्यौहार को कभी इस तरह नहीं मनाया था। हर व्यक्ति आनन्द मग्न था!

वे लोग परमेश्वर का यशगान नाचते बजाते अपने तम्बुरों, वीणाओ से करें।

हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियों से मेरा उद्धार किया है। तूने मेरे शत्रुओं को मुझको हराने और मेरी हँसी उड़ाने नहीं दी। सो मैं तेरे प्रति आदर प्रकट करुँगा।

उस स्थान पर जाओ जिसे यहोवा अपने विशेष निवास के रूप में चुनेगा। वहाँ तुम और तुम्हारे लोग, यहोवा अपने परमेश्वर के साथ आनन्द का समय बिताएंगे। अपने सभी लोगों, अपने पुत्रों, अपनी पुत्रियों और अपने सभी सेवकों को वहाँ ले जाओ और अपने नगर में रहने वाले लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को भी साथ में ले जाओ।

“वे लेवीवंशी अधिकारी सैनिकों से यह कहेंगे, ‘क्या यहाँ कोई ऐसा व्यक्ति है जिसने अपना नया घर बना लिया है, किन्तु अब तक उसे अर्पित नहीं किया है? उस व्यक्ति को अपने घर लौट जाना चाहिए। वह युद्ध में मारा जा सकता है और तब दूसरा व्यक्ति उसके घर को अर्पित करेगा।

प्रभु में सदा आनन्द मनाते रहो। इसे मैं फिर दोहराता हूँ, आनन्द मनाते रहो।

जब उसने वह लपेटा हुआ पुस्तक ले लिया तो उन चारों प्राणियों तथा चौबीसों प्राचीनों ने उस मेमने को दण्डवत प्रणाम किया। उनमें से हरेक के पास वीणा थी तथा वे सुगन्धित सामग्री से भरे सोने के धूपदान थामे थे; जो संत जनों की प्रार्थनाएँ हैं।




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