“हम अपने फलों के हर पेड़ और अपनी फसल के पहले फलों को लाने का उत्तरदीयित्व भी ग्रहण करते हैं। हर वर्ष यहोवा के मन्दिर में हम उस फल को लाकर अर्पित किया करेंगे।
“फसल काटने के समय जब तुम अपनी फ़सलें इकट्ठी करो तब अपनी काटी हुई फ़सल की पहली उपज अपने यहोवा परमेश्वर के भवन में लाओ। “तुम्हें छोटी बकरी के उस माँस को नहीं खाना चाहिए जो उस बकरी की माँ के दूध में पका हो।”
हर प्रकार की तैयार फसल का प्रथम भाग याजकों के लिये होगा। तुम अपने गूंधे आटे का प्रथम भाग भी याजक को दोगे। यह तुम्हारे परिवार पर आशीर्वाद की वर्षा करेगा।
या जिस किसी के बारे में झुठा वचन दिया हो, वह उसे लौटान चाहिए। उसे पूरा मूल्य चुकाना चाहिए और तब उसे वस्तु के मूल्य का पाँचवाँ हिस्सा अतिरिक्त देना चाहिए। उसे असली मालिक को धन देना चाहिए। उसे यह उसी दिन करना चाहिए जिस दिन वह दोषबलि लाए।
उस व्यक्ति को दोषबलि याजक के पास लाना चाहिए। यह रेवड़ से एक मेढ़ा होना चाहिए। मेढ़े में कोई दोष नहीं होना चाहिए। यह उसी मूल्य का होना चाहिए जो याजक कहे। यह यहोवा को दी गी दोषबलि होगी।
“और मैं सारा अच्छा जैतून का तेल, सारी सर्वोतम नयी दाखमधु और अन्न तुम्हें देता हूँ। ये वे चीज़ें हैं जिन्हें इस्राएल के लोग मुझे अर्थात् अपने यहोवा को देते हैं। ये वे पहली चीज़ें हैं जिन्हें वे अपनी फसल पकने पर इकट्ठी करते हैं।
अन्य लेविवंशी लोगों को अपना साथ देने के लिए अपने परिवार समूह से लाओ। वे तुम्हारी और तुम्हारे पुत्रों की सहायता साक्षी के पवित्र तम्बू के कार्यों को करने में करेंगे।
तब तुम्हें अपनी थोड़ी सी प्रथम फसल लेनी चाहिए और उसे एक टोकरी में रखना चाहिये। वह प्रथम फसल होगी जिसे तुम उस देश से पाओगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। थोड़ी प्रथम फसल वाली टोकरी को लो और उस स्थान पर जाओ जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चुनेगा।