यह सब कछ नीनवे के कारण घटा है। नीनवे उस वेश्या सी है जो कभी तृप्ति नहीं होती, उसको और अधिक, और अधिक चाहिये था। उसने अपने को बहुत सारे देशों को बेच दिया था और उसने उनको अपना दास बनाने को जादू चलाया था।
इसलिए अब, ओ मनोहर स्त्री, मेरी बात तू सुन ले! तू निज को सुरक्षित जान और अपने आप से कह। ‘केवल मैं ही महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हूँ। मेरे समान कोई दूसरा बड़ा नहीं है। मुझको कभी भी विधवा नहीं होना है। मेरे सदैव बच्चे होते रहेंगे।’
ये दो बातें तेरे साथ में घटित होंगी: प्रथम, तेरे बच्चे तुझसे छूट जायेंगे और फिर तेरा पति भी तुझसे छूट जायेगा। हाँ, ये बातें तेरे साथ अवश्य घटेंगी। तेरे सभी जादू और शक्तिशाली टोने तुझको नहीं बचा पायेंगे।
दीप की किंचित किरण तुझमें कभी भी न चमकेगी, अब तुझमें किसी वर की किसी वधु की मधुर ध्वनि कभी न गुँजेगी। तेरे व्यापारी जगत के महामनुज थे तेरे जादू ने सब जातों को भरमाया।
“जब धरती के राजा, जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार किया और उसके भोग-विलास में हिस्सा बटाया, उसके जलने से निकलते धुआँ को देखेंगे तो वे उसके लिए रोयेंगे और विलाप करेंगे।