नीनवे ऐसे तालाब सा हो गया है जिसका पानी बह कर बाहर निकल रहा हो। वे लोग पुकार कर कह रहे हैं, “रूको! रुको! ठहरे रहो, कहीं भाग मत जाओ।” किन्तु कोई न ही रूकता है और न ही कोई उन पर ध्यान देता है!
तब बाबुल के निवासी ऐसे भागेंगे जैसे घायल हरिण भागता है। वे ऐसे भागेंगे जैसे बिना गडेरिये की भेड़ भागती हैं। हर कोई व्यक्ति भाग कर अपने देश और अपने लोगों की तरफ मुड़ जायेगा।
मैं कबूतर सा रोता रहा। मैं एक पक्षी जैसा रोता रहा। मेरी आँखें थक गयी तो भी मैं लगातर आकाश की तरफ निहारता रहा। मेरे स्वामी, मैं विपत्ति में हूँ मुझको उबारने का वचन दे।”
तेरे पास बहुत से सलाहकार हैं। क्या तू उनकी सलाहों से तंग आ चुकी है तो फिर उन लोगों को जो सितारे पढ़ते हैं, बाहर भेज। जो बता सकते हैं महीना कब शुरू होता है। सो सम्भव है वे तुझको बता पाये कि तुझ पर कब विपत्तियाँ पड़ेंगी।
हे मेरे लोगों, तुम बाबुल को छोड़ दो! हे मेरे लोगों तुम कसदियों से भाग जाओ! प्रसन्नता में भरकर तुम लोगों से इस समाचार को कहो! धरती पर दूर दूर इस समाचार को फैलाओ! तुम लोगों को बता दो, “यहोवा ने अपने दास याकूब को उबार लिया है!”
हम सब बहुत दु:खी हैं। हम सब ऐसे कराहते हैं जैसे कोई रीछ और कोई कपोत कराहता हैं। हम ऐसे उस समय की बाट जोह रहे हैं जब लोग निष्पक्ष होंगे किन्तु अभी तक तो कहीं भी नेकी नहीं है। हम उद्धार की बाट जोह रहे हैं किन्तु उद्धार बहुत—बहुत दूर है।
मैं यह क्या देखता हूँ सेना डर गई है। सैनिक भाग रहे हैं। उनके वीर सैनिक पराजित हो गये हैं। वे जल्दी में भाग रहे हैं। वे पीछे मुड़कर नहीं देखते। सर्वत्र भय छाया है।” यहोवा ने ये बातें कहीं।
वे दौड़ते घोड़ों की आवाज सुनेंगे, वे रथों की घरघराहट सुनेंगे। वे पहियों की घरघराहट सुनेंगे। पिता अपने बच्चों की सुरक्षा करने में सहायता नहीं कर सकेंगे। वे पिता सहायता करने में एकदम असमर्थ होंगे।
बाबुल के लोगों को उनकी फसलें न उगाने दो। उन्हें फसलें न काटने दो। बाबुल के सैनिक ने अपने नगर में अनेकों बन्दी लाए थे। अब शत्रु के सैनिक आ गए हैं, अत: वे बन्दी अपने घर लौट रहे हैं। वे बन्दी अपने देशों को वापस भाग रहे हैं।
कसदी सैनिकों ने लड़ना बन्द कर दिया है। वे अपने दुर्गों में ठहरे हैं। उनकी शक्ति क्षीण हो गई है। वे भयभीत अबला से हो गये हैं। बाबुल के घर जल रहे हैं। उसके फाटकों के अवरोध टूट गए हैं।
तेरे सरकारी हाकिम भी टिड्डियों जैसे ही हैं। ये उन टिड्डियों के समान हैं जो ठण्डे के दिन एक चट्टान पर बैठ जाती है, किन्तु जब सूरज चढ़ने लगता है और चट्टान गर्म होने लगती है तो वह कहीं दूर उड़ जाती है। कोई नहीं जानता, वे कहाँ चली गयीं! तेरे हाकिम भी ऐसे ही होंगे।
इसके बाद उन सात दूतों में से जिनके पास सात कटोरे थे, एक मेरे पास आया और बोला, “आ, मैं तुझे बहुत सी नदियों के किनारे बैठी उस महान वेश्या के दण्ड को दिखाऊँगा।