तब फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “मैंने एक सपना देखा है। किन्तु कोई ऐसा नहीं है जो सपने की व्याख्या मुझको समझा सके। मैंने सुना है कि जब कोई सपने के बारे में तुमसे कहता है तब तुम सपनों की व्याख्या और उन्हें स्पष्ट कर सकते हो।”
फ़िरौन ने अपने अधिकारियों से पूछा, “क्या तुम लोगों में से कोई इस काम को करने के लिए यूसुफ से अच्छा व्यक्ति ढूँढ सकता है? परमेश्वर की आत्मा ने इस व्यक्ति को सचमुच बुद्धिमान बना दिया है।”
वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है। उसके संग प्रकाश बना रहता है, सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है!
अंत में दानिय्येल मेरे पास आया (मैंने अपने ईश्वर को सम्मानित करने के लिये दानिय्येल को बेलतशस्सर नाम दिया था। पवित्र ईश्वरों की आत्मा का उसमें निवास है।) दानिय्येल को मैंने अपना सपना कह सुनाया।
सो वह दानिय्येल को राजा के पास ले आये। राजा ने दानिय्येल से कहा, “क्या तेरा नाम दानिय्येल है मेरे पिता महाराज यहूदा से जिन लोगों को बन्दी बनाकर लाये थे, क्या तू उन्ही में से एक है
बुद्धिमान पुरूष और तांत्रिकों को इस दीवार की लिखावट को समझाने के लिए मेरे पास लाया गया। मैं चाहता था कि वे लोग उस लिखावट का अर्थ बतायें। किन्तु दीवार पर लिखी इस लिखावट की व्याख्या वे मुझे नहीं दे पाए।
दानिय्येल ने यह कर दिखाया कि वह दूसरे पर्यवेक्षकों से अधिक उत्तम है। दानिय्येल ने यह काम अपने अच्छे चरित्र और बड़ी योग्यताओं के द्वारा सम्पन्न किया। राजा दानिय्येल से इतना अधिक प्रभावित हुआ कि उसने दानिय्येल को सारी हुकूमत का हाकिम बनाने की सोची।