दानिय्येल ने अर्योक से पूछा, “राजा ने इतना कठोर दण्ड देने की आज्ञा क्यों दी है” इस पर अर्योक ने राजा के सपने वाली सारी कहानी कह सुनाई, दानिय्येल उसे समझ गया।
अर्योक राजा के रक्षकों का नायक था। वह बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों को मार डालने के लिये जा रहा था, किन्तु दानिय्येल ने उससे बातचीत की। दानिय्येल ने अर्योक से बुद्धिमानी के साथ नम्रतापूर्वक बात की।
दानिय्येल ने जब यह कहानी सुन ली तो वह राजा नबूकदनेस्सर के पास गया। दानिय्येल ने राजा से विनती की कि वह उसे थोड़ा समय और दे। उसके बाद वह राजा को उसका स्वप्न और उस स्वप्न का फल बता देगा।
जिस समय राजा ने यह आज्ञा दी थी उस समय वह बहुत क्रोधित था, इसलिये उन्होंने तत्काल ही भट्टी को बहुत अधिक तपा लिया! आग इतना अधिक भड़क रही थी कि उसकी लपटों से वे शक्तिशाली सैनिक मर गये! वे सैनिक उस समय मारे गये जब उन्होंने आग के पास जाकर शद्रक, मेशक और अबेदनगो को आग में धकेला था।