“बहुत सी धन दौलत के साथ, वह उत्तर का राजा अपने देश लौट जायेगा। फिर उस पवित्र वाचा के प्रति वह बुरे कर्म करने का निर्णय लेगा। वह अपनी योजनानुसार काम करेगा और फिर अपने देश लौट जायेगा।
उन दोनों राजाओं का मन इसी बात में लगेगा कि एक दूसरे को हानि पहुँचायी जाये। वे एक ही मेज़ पर बैठ कर एक दूसरे से झुठ बोलेंगे किन्तु इससे उन दोनों में से किसी का भी भला नहीं होगा, क्योंकि परमेश्वर ने उनका अंत आने का समय निर्धारित कर दिया है।
और उनकी सेना को भी हरा दिया और एक विद्रोही कार्य के रूप में वह छोटा सींग दैनिक बलियों के ऊपर अपने आपको स्थापित कर दिया। उसने सत्य को धरती पर दे पटक दिया। उस छोटो सींग ने जो कुछ किया उस सब में सफल हो गया।
यह राजा बहुत शक्तिशाली होगा किन्तु उसकी शक्ति उसकी अपनी नहीं होगी। यह राजा भयानक तबाही मचा देगा। वह जो कुछ करेगा उसमें उसे सफलता मिलेगी। वह शक्तिशाली लोगों—यहाँ तक कि परमेश्वर के पवित्र लोगों को भी नष्ट कर देगा।
और तुम तो उन नबियों और उस करार के उत्तराधिकारी हो जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे पूर्वजों के साथ किया था। उसने इब्राहीम से कहा था, ‘तेरी संतानों से धरती के सभी लोग आशीर्वाद पायेंगे।’