उसका शरीर चमचमाते पत्थर के जैसी थी। उसका मुख बिजली के समान उज्जवल था! उसकी बाहें और उसके पैर चमकदार पीतल से झिलमिला रहे थे! उसकी आवाज़ इतनी ऊँची थी जैसे लोगों की भीड़ की आवाज़ होती है!
जब कभी वे प्राणी चलते थे, उनके पंख बड़ी तेज ध्वनि करते थे। वह ध्वनि समुद्र के गर्जन जैसी उत्पन्न होती थी। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के समीप से निकलने के वाणी के समान थी। वह किसी सेना के जन—समूह के शोर की तरह थी। जब वे प्राणी चलना बन्द करते थे तो वे अपने पंखो को अपनी बगल में समेट लेते थे।
यहोवा मुझे वहाँ ले आया। वहाँ एक व्यक्ति था जो झलकाये गये काँसे की तरह चमकता हुआ दिखता था। वह व्यक्ति एक कपड़े नापने का फीता और नापने की एक छड़ अपने हाथ में लिये था। वह फाटक से लगा खड़ा था।
मैंने कुछ देखा जो आग की तरह था। यह एक मनुष्य शरीर जैसा दिखाई पड़ता था। कमर से नीचे वह आग—सा था। कमर से ऊपर वह आग में तप्त—धातु की तरह चमकीला और कान्तिवाला था।
फिर मैंने आकाश से नीचे उतरते हुए एक और बलवान स्वर्गदूत को देखा। उसने बादल को ओढ़ा हुआ था तथा उसके सिर के आस-पास एक मेघ धनुष था। उसका मुखमण्डल सूर्य के समान तथा उसकी टाँगे अग्नि स्तम्भों के जैसी थीं।
“थूआतीरा की कलीसिया के स्वर्गदूत के नाम: “परमेश्वर का पुत्र, जिसके नेत्र धधकती आग के समान हैं, तथा जिसके चरण शुद्ध काँसे के जैसे हैं, इस प्रकार कहता है: