सज्जन मेरा सुधार कर सकता है। तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा। मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा। क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ। उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं।
इसलिए तुमसे दूर रहते हुए भी मैं इन बातों को तुम्हें लिख रहा हूँ ताकि जब मैं तुम्हारे बीच होऊँ तो मुझे प्रभु के द्वारा दिये गये अधिकार से तुम्हें हानि पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे आध्यात्मिक विकास के लिए तुम्हारे साथ कठोरता न बरतनी पड़े।
यदि तुम भाइयों को इन बातों का ध्यान दिलाते रहोगे तो मसीह यीशु के ऐसे उत्तम सेवक ठहरोगे जिसका पालन-पोषण, विश्वास के द्वारा और उसी सच्ची शिक्षा के द्वारा होता है जिसे तूने ग्रहण किया है।
सुसमाचार का प्रचार कर। चाहे तुझे सुविधा हो चाहे असुविधा, अपना कर्तव्य करने को तैयार रह। लोगों को क्या करना चाहिए, उन्हें समझा। जब वे कोई बुरा काम करें, उन्हें चेतावनी दे। लोगों को धैर्य के साथ समझाते हुए प्रोत्साहित कर।