मैं उन्हें मिस्र और अश्शूर से वापस लाऊँगा मैं उन्हें गिलाद क्षेत्र में लाऊँगा और क्योंकि वहा काफी जगह नहीं होगी। अत: मैं उन्हें समीप के लबानोन में भी रहने दुँगा।
छोटे से छोटा भी विशाल घराना बन जायेगा। छोटे से छोटा भी एक शक्तिशाली राष्ट्र बन जायेगा। जब उचित समय आयेगा, मैं यहोवा शीघ्र ही आ जाऊँगा और मैं ये सभी बातें घटित कर दूँगा।”
यहोवा उन महलों के बारे में यह कहता है जिनमें यहूदा के राजा रहते हैं: “गिलाद वन की तरह यह महल ऊँचा है। यह लबानोन पर्वत के समान ऊँचा है। किन्तु मैं इसे सचमुच मरुभूमि सा बनाऊँगा। यह महल उस नगर की तरह सूना होगा जिसमें कोई व्यक्ति न रहता हो।
“किन्तु इस्राएल को मैं उसके खेतों में वापस लाऊँगा। वह वही भोजन करेगा जो कर्मेल पर्वत और बाशान की भूमि की उपज है। वह भोजन करेगा और भरा पूरा होगा। वह एप्रैम और गिलाद भूमि में पहाड़ियों पर खायेगा।”
मैं सिंह की दहाड़ सी गर्जना करूँगा। मैं गर्जना करूँगा और मेरी संताने पास आयेंगी और मेरे पीछे चलेंगी। मेरी संताने जो भय से थर—थर काँप रही हैं, पश्चिम से आयेंगी।
इस्राएल के लोग घर छोड़ने को विवश किये गए थे। किन्तु वे लोग कनानियों का प्रदेश सारपत तक ले लेंगे। यहूदा के लोग यरूशलेम छोड़ने और सपाराद में रहने को विवश किये गये थे। किन्तु वे लोग नेगव के नगरों को लेंगे।
सो अपने राजदण्ड से तू उन लोगों का शासन कर। तू उन लोगों के झुण्ड का शासन कर जो तेरे अपने हैं। लोगों का वह झुण्ड जंगलों में और कर्म्मेल के पहाड़ पर अकेला ही रहता है। वह झुण्ड बाशान में रहता है और गिलाद में बसता है जैसे वह पहले रहा करता था!