वह धरती परिंदों और छोटे—छोटे जानवरों की हो जायेंगी। वहाँ उल्लू और कौवों का वास होगा। परमेश्वर उस धरती को सूनी उजाड़ भूमि में बदल देगा। यह वैसी ही हो जायेगी जैसी यह सृष्टि से पहले थी।
यहोवा कहता है: “याकूब के लोग अब बन्दी हैं। किन्तु वे वापस आएंगे। और मैं याकूब के परिवारों पर दया करूँगा। नगर अब बरबाद इमारतों से ढका एक पहाड़ी मात्र है। किन्तु यह नगर फिर बनेगा और राजा का महल भी वहाँ फिर बनेगा जहाँ इसे होना चाहिये।
यहोवा मुझे वहाँ ले आया। वहाँ एक व्यक्ति था जो झलकाये गये काँसे की तरह चमकता हुआ दिखता था। वह व्यक्ति एक कपड़े नापने का फीता और नापने की एक छड़ अपने हाथ में लिये था। वह फाटक से लगा खड़ा था।
वह व्यक्ति पूर्व की ओर हाथ में नापने का फीता लेकर बढ़ा। उसने एक हजार हाथ नापा। तब उसने मुझे उस स्थान से पानी से होकर चलने को कहा। वहाँ पानी केवल मेरे टखने तक गहरा था। उस व्यक्ति ने अन्य एक हजार हाथ नापा। तब उसने उस स्थान पर पानी से होकर चलने को कहा। वहाँ पानी मेरे घुटनों तक आया।
तब परमेश्वर यहोवा ने शालतीएल के पुत्र यहूदा के शासक जरूब्बाबेल को प्रेरित किया और परमेश्वर यहोवा ने यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू को भी प्रेरित किया और परमेश्वर यहोवा ने बाकी के सभी लोगों को भी प्रेरित किया। तब वे आये और अपने सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा के मंदिर के निर्माण में काम करने लगे।
मैं यहुदा के परिवार को शक्तिशाली बनाऊँगा। मैं युसुफ को परिवार को युद्ध में विजयी बनाऊँगा। मैं उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित वापस लाऊँगा। मैं उन्हें आराम दूँगा। यह ऐसा होगा, मानों मैंने उन्हें कभी नही छोङा। मैं यहोवा, उनका परमेश्वर हूँ और मैं उनकी सहायता करूँगा।
उसने उससे कहा, “दौड़कर जाओ और उस युवक से कहो कि यरूशलम इतना विशाल है कि उसे नापा नहीं जा सकता। उससे यह कहो, ‘यरूशलेम बिना चहारदीवारी का नगर होगा। क्यों क्योंकि वहाँ असंख्य लोग और जानवर रहेंगे।’
“जरूब्बाबेल मेरे मंदिर की नींव रखेगा और जरूब्बाबेल मंदिर को बनाना पूरा करेगा। लोगों तब तुम समझोगे कि सर्वशक्तिमान यहोवा ने मुझे तुम लोगों के पास भेजा है।