तब घोड़ों ने मालती की झाड़ियों में स्थित यहोवा के दूत से बातें कीं। उन्होंने कहा, “हम लोग पृथ्वी पर इधर— उधर घूम चुके हैं, और सब कुछ शान्त और व्यवस्थित हैं।”
सो उसने फिर कहा, “दानिय्येल, क्या तू जानता है, मैं तेरे पास क्यों आया हूँ फारस के युवराज (स्वर्गदूत) से युद्ध करने के लिये मुझे फिर वापस जाना है। मेरे चले जाने के बाद यूनान का युवराज (स्वर्गदूत) यहाँ आयेगा।
और मैं उन राष्ट्रों पर बहुत क्रोधित हूँ जो अपने को इतना सुरक्षित अनुभव करते हैं। मैं कुछ क्रोधित हो गया था और मैंने उन राष्ट्रों का उपयोग अपने लोगों को दण्ड देने के लिये किया। किन्तु उन राष्ट्रों ने बहुत अधिक विनाश किया।”
लाल धब्बेदार घोङे अपने हिस्से की पृथ्वी को देखते हुए जाने को उत्सुक थे अत: दुत ने उनसे कहा, “जाओ पृथ्वी का चक्कर लगाओ।” अत: वह अपने हिस्से की पृथ्वी पर टहलते हुए गए।
जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।
यह यीशु मसीह का दैवी-सन्देश है जो उसे परमेश्वर द्वारा इसलिए दिया गया था कि जो बातें शीघ्र ही घटने वाली हैं, उन्हें अपने दासों को दर्शा दिया जाए। अपना स्वर्गदूत भेजकर यीशु मसीह ने इसे अपने सेवक यूहन्ना को संकेत द्धारा बताया।