“लेवीवंश के लोगों के लिए यह विशेष आदेश हैः हर एक लेवीवंशी पुरुष को, जो पच्चीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का है, अवश्य आना चाहिए और मिलापवाले तम्बू के कामों में हाथ बटाना चाहिए।
याजकों को संग्रह का उनका हिस्सा दिया जाता था। यह परिवार के क्रम से वैसे ही किया जाता था जैसे वे अपने परिवार इतिहास में लिखे रहते थे। बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के लेवीवंशियों को संग्रह का उनका हिस्सा दिया जाता था। यह उनके उत्तरदायित्व और वर्ग के अनुसार किया जाता था।
किन्तु लेवी के लोगों को अपना डेरा पवित्र तम्बू के चारों ओर डालना चाहिए। लेवीवंश के लोग साक्षीपत्र के पवित्र तम्बू की रक्षा करेंगे। वे पवित्र तम्बू की रक्षा करेंगे जिससे इस्राएल के लोगों का कुछ भी बुरा नहीं होगा।”
सभी पुरुष जो अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके थे और तीस से पचास वर्ष की उम्र के थे, गिने गए। इन व्यक्तियों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया।
सेना में ऐसा कौन होगा जो अपने ही खर्च पर एक सिपाही के रूप में काम करे। अथवा कौन हौगा जो अंगूर की बगीया लगाकर भी उसका फल न चखे? या कोई ऐसा है जो भेड़ों के रेवड़ की देखभाल तो करता हो पर उनका थोड़ा बहुत भी दूध न पीता हो?
मेरे पुत्र तीमुथियुस, भविष्यवक्ताओं के वचनों के अनुसार बहुत पहले से ही तेरे सम्बन्ध में जो भविष्यवाणीयाँ कर दी गयी थीं, मैं तुझे ये आदेश दे रहा हूँ, ताकि तू उनके अनुसार
हमारा विश्वास जिस उत्तम स्पर्द्धा की अपेक्षा करता है, तू उसी के लिए संघर्ष करता रह और अपने लिए अनन्त जीवन को अर्जित कर ले। तुझे उसी के लिए बुलाया गया है। तूने बहुत से साक्षियों के सामने उसे बहुत अच्छी तरह स्वीकारा है।