जिसमें खमीर न मिलाया गया हो ऐसा महीन आटा लो और उससे तीन तरह की रोटीयाँ बनाओ—पहली बिना खमीर की सादी रोटी। दूसरी तेल का मोमन डली रोटी और तीसरी वैसे ही आटे की छोटी पतली रोटी बनाकर उस पर तेल चुपड़ो।
जो व्यक्ति खाना जुटाता है, वही उसे खायेगा और वह व्यक्ति यहोवा के गुण गायेगा। वह व्यक्ति जो अंगूर बीनता है, वही उन अंगूरों की बनी दाखमधु पियेगा। मेरी पवित्र धरती पर ऐसी बातें हुआ करेंगी।”
हे याजकों, शोक वस्त्र धारण करो, जोर से विलाप करो। हे वेदी के सेवकों, जोर से विलाप करो। हे मेरे परमेश्वर के दासों, अपने शोक वस्त्रों में तुम सो जाओगा। क्योंकि अब वहाँ अन्न और पेय भेंट परमेश्वर के मन्दिर में नहीं होंगी।
कौन जानता है, सम्भव है यहोवा अपना मन बदल ले और यह भी सम्भव है कि वह तुम्हारे लिये कोई वरदान छोड़ जाये। फिर तुम अपने परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और पेय भेंट अर्पित कर पाओगे।
कोई व्यक्ति मेलबलि अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए ला सकता है। यदि वह कृतज्ञता प्रकट करने के लिए बलि लाता है तो उसे तेल मिले अखमीरी फुलके, अखमीरी चपातियाँ और तेल मिले उत्तम आटे के फुलके भी लाने चाहिए।
एक साँड और एक मेढ़ा मेलबलि के लिए लो। उन जानवरों को और तेल मिली अन्नबलि लो और उन्हें यहोवा को भेंट चढ़ाओ। क्यों? कियोंकि आज यहोवा की महिमा तुम्हारे सामने प्रकट होगी।’”