उन नगरों में से छः नगर सुरक्षा नगर होंगे। यदि कोई व्यक्ति किसी को संयोगवश मार डालता है तो वह सुरक्षा के लिए उन नगरों में भाग कर जा सकता है। उन छः नगरों के अतिरिक्त तुम लेवीवंशियों को बयालीस अन्य नगर दोगे।
किन्तु यदि ऐसा संयोग होता है कि कोई बिना पूर्व योजना के किसी व्यक्ति को मार दे, तो ऐसा परमेश्वर की इच्छा से ही हुआ होगा। मैं कुछ विशेष स्थानों को चुनूँगा जहाँ लोग सुरक्षा के लिए दौड़कर जा सकते हैं। इस प्रकार वह व्यक्ति दौड़कर इनमें से किसी भी स्थान पर जा सकता है।
मण्डप का यह आवरण एक सुरक्षा स्थल होगा। यह आवरण लोगों को सूरज की गर्मी से बचाएगा। मण्डप का यह आवरण सब प्रकार की बाढ़ों और वर्षा से बचने का एक सुरक्षित स्थान होगा।
सारी तीन हजार फीट भूमि नगर के पूर्व तीन हजार फीट नगर के दक्षिण, तीन हजार फीट नगर के पश्चिम तथा तीन हजार फीट नगर के उत्तर, भी लेवीवंशियों की होगी उस भूमि के मध्य में नगर होगा।
तो फिर यहाँ दो बातें हैं-उसकी प्रतिज्ञा और उसकी शपथ-जो कभी नहीं बदल सकतीं और जिनके बारे में परमेश्वर कभी झूठ नहीं कह सकता। इसलिए हम जो परमेश्वर के निकट सुरक्षा पाने को आए हैं और जो आशा उसने हमें दी है, उसे थामे हुए हैं, अत्यधिक उत्साहित हैं।
लेवीवंशी परिवार समूह के गेर्शोनी समूह को ये नगर दिये गए थे। मनश्शे परिवार समूह के आधे परिवार ने उन्हे बाशान में गोलान दिया। (गोलान एक सुरक्षा नगर था)। मनश्शे ने उन्हें बेशतरा भी दिया। इन दोनों नगरों के चारों ओर की भूमि भी उनके जानवरों के लिये गेर्शोनी समूह को दी गई।
नप्ताली के परिवार समूह ने उन्हें गलील में केदेश दिया। (केदेश एक सुरक्षा नगर था।) नप्ताली ने उन्हें हम्मोतदोर और कर्तान भी दिया। इन तीनों नगरों के चारों ओर की भूमि भी उनके जानवरों के लिये गेर्शोनी समूह को दी गई।