इसलिए होबाब मान गया और उन्होंने यहोवा के पर्वत से यात्रा आरम्भ की। याजकों ने यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को लिया और लोगों के आगे चले। वे डेरा डालने के स्थान की खोज में तीन दिन तक पवित्र सन्दूक ढोते रहे।
इसलिए लोगों ने उस स्थान का नाम किब्रोथत्तावा रखा। उन्होंने उस स्थान को वह नाम इसलिए दिया कि यह वही स्थान है जहाँ उन्होंने उन लोगों को दफनाया था जो स्वादिष्ट भोजन की प्रबल इच्छा रखते थे।
इस्राएल के लोगों के साथ जो विदेशी मिल गए थे अन्य चीज़ें खाने की इच्छा करने लगे। शीघ्र ही इस्राएल के लोगों ने फिर शिकायत करनी आरम्भ की। लोगों ने कहा, “हम माँस खाना चाहते हैं!