“याजक परमेश्वर की सेवा विशेष ढंग से करता है। इसलिए याजक को ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए जिसने किसी के साथ यौन सम्बन्ध किया हो। याजक को किसी वेश्या, या किसी तलाक दी गई स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए।
किन्तु यदि पति दिये गए वचन के बारे में सुनता है और उसे स्वीकार नहीं करता तो स्त्री को अपने दिये गए वचन को पूरा नहीं करना पड़ेगा। उसके पति ने उसका वचन तोड़ दिया और उसने उसे उसकी कही बात को पूरा नहीं करने दिया, अतः यहोवा उसे क्षमा करेगा।
उदाहरण के लिए एक विवाहिता स्त्री अपने पति के साथ विधान के अनुसार तभी तक बँधी है जब तक वह जीवित है किन्तु यदि उसका पति मर जाता है, तो वह विवाह सम्बन्धी नियमों से छूट जाती है।