उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे।
“याजक हारून का पुत्र एलीअज़ार पवित्र तम्बू के लिए उत्तरदायी होगा। वह पवित्र स्थान और इसकी हर एक चीज़ के लिए उत्तरदायी होगा। वह दीपक के तेल, मधुर सुगन्धवाली सुगन्धि तथा दैनिक बलि और अभिषेक के तेल के लिये उत्तरदायी होगा।”
हारून और उसके पुत्र इन सभी किए गए कार्यों की निगरानी करेंगे। गोर्शोन वंश के लोग जो कुछ ले जाएंगे और जो दूसरे कार्य करेंगे उनकी निगरानी हारून और उसके पुत्र करेंगे। तुम्हें उनको वे सभी चीज़े बतानी चाहिए जिनके ले जाने के लिये वे उत्तरदायी हैं।
पचास वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग मिलापावाले तम्बू में अपने भाईयों को उनके काम में सहायता दे सकते हैं। किन्तु वे लोग स्वयं काम नहीं करेंगे। उन्हें सेवा—निवृत्त होने की स्वीकृति दी जाएगी। इसलिए उस समय लेवीवंश के लोगों से यह कहना याद रखो जब तुम उन्हें उनका सेवा—कार्य सौंपो।”