याजकों को संग्रह का उनका हिस्सा दिया जाता था। यह परिवार के क्रम से वैसे ही किया जाता था जैसे वे अपने परिवार इतिहास में लिखे रहते थे। बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के लेवीवंशियों को संग्रह का उनका हिस्सा दिया जाता था। यह उनके उत्तरदायित्व और वर्ग के अनुसार किया जाता था।
“यिर्मयाह, जाओ और यरूशलेम के लोगों को सन्देश दो। उनसे कहो: “जिस समय तुम नव राष्ट्र थे, तुम मेरे विश्वासयोग्य थे। तुमने मेरा अनुगमन नयी दुल्हन सा किया। तुमने मेरा अनुगमन मरुभूमि में से होकर किया, उस प्रदेश में अनुगमन किया जिसे कभी कृषि भूमि न बनाया गया था।
बहुत दूर से यहोवा अपने लोगों के सामने प्रकट होगा। यहोवा कहते हैं लोगों, “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ और मेरा प्रेम सदैव रहेगा। मैं सदैव तुम्हारे प्रति सच्चा रहूँगा।
तुम तथा हारून इस्राएल के सभी पुरुषों को गिनोगे। उन पुरुषों को गिनो जो बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं। (ये वे हैं जो इस्राएल की सेना में सेवा करते हैं।) इनकी सूची इनके समुदाय के आधार पर बनाओ।
लेवी परिवार समूह के सभी पुरुषों की संख्या तेईस हजार थी। किन्तु ये लोग इस्राएल के अन्य लोगों के साथ नहीं गिने गए थे। वे भूमि नहीं पा सके जिसे अन्य लोगों को देने का वचन यहोवा ने दिया था।
जब यीशु ने यह देखा तो उसे बहुत क्रोध आया। फिर उसने उनसे कहा, “नन्हे-मुन्ने बच्चों को मेरे पास आने दो। उन्हें रोको मत क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।
और तुझे पता है कि तू बचपन से ही पवित्र शास्त्रों को भी जानता है। वे तुझे उस विवेक को दे सकते हैं जिससे मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा छुटकारा मिल सकता है।