बिलाम को मालूम हुआ कि यहोवा इस्राएल को आशीर्वाद देना चाहता है। इस्रालिए बिलाम ने किसी प्रकार के जादू मन्तर का उपयोग करके उसे बदलना नहीं चाहा। किन्तु बिलाम मुड़ा और उसने मरुभूमि की ओर देखा।
कोई जादुई शक्ति नहीं जो याकूब के लोगों को हरा सके। याकूब के बारे में और इस्राएल के लोगों के विषय में भी लोग यह कहेंगे: ‘परमेश्वर ने जो महान कार्य किये हैं उन पर ध्यान दो!’
तब बिलाम ने बालाक से कहा, “इस वेदी के समीप ठहरो। मैं दूसरी जगह जाऊँगा। तब कदाचित यहोवा मेरे पास आएगा और बताएगा कि मैं क्या कहूँ।” तब बिलाम एक अधिक ऊँचे स्थान पर गया।
देखो यह स्त्री ही थी जिसके कारण बिलाम की घटना में इस्रालियों के लिए समस्याएं पैदा हुईं और पोर में वे यहोवा के विरुद्ध हो गये जिससे इस्राएल के लोगों को महामारी झेलनी पड़ी।
“कुछ भी हो, मेरे पास तेरे विरोध में कुछ बातें हैं। तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिलाम की सीख पर चलते हैं। उसने बालाक को सिखाया था कि वह इस्राएल के लोगों को मूर्तियों का चढ़ावा खाने और व्यभिचार करने को प्रोत्साहित करे।
शाऊल जीप की मरुभूमि में गया। शाऊल ने पूरे इस्राएल से अपने द्वारा चुने गए तीन हजार सैनिकों को लिया। शाऊल और ये लोग जीप की मरुभूमि में दाऊद को खोज रहे थे।