यहोवा के दूत ने बिलाम से पूछा, “तुमने अपने गधे को तीन बार क्यों मारा? तुम्हें मुझ पर क्रोध से पागल होना चाहिए। मैं तुमको रोकने के लिए यहाँ आया हूँ। तुम्हें कुछ अधिक सावधान रहना चाहिए।
यदि तू उस पौधे के लिए व्याकुल हो सकता है, तो देख नीनवे जैसे बड़े नगर के लिये जिसमें बहुत से लोग और बहुत से पशु रहते हैं, जहाँ एक लाख बीस हजार से भी अधिक लोग रहते हैं और जो यह भी नहीं जानते कि वे कोई गलत काम कर रहे हैं, उनके लिये क्या मैं तरस न खाऊँ!”
हे मेरे लोगों, मोआब के राजा बालाक के कुचक्र याद करो। वे बातें याद करो जो बोर के पुत्र बिलाम ने बालाक से कहीं थी। वे बातें याद करो जो शित्तीम से गिल्गाल तक घटी थी। तभी समझ पाओगे की यहोवा उचित है!”
उस रात परमेश्वर बिलाम के पास आया। परमेश्वर ने कहा, “ये लोग अपने साथ ले जाने के लिए कहने को फिर आ गए हैं। इसलिए तुम उनके साथ जा सकते हो। किन्तु केवल वही करो जो मैं तुमसे करने को कहूँ।”
बिलाम अपने गधे पर सवार था। उसके सेवकों में से दो उसके साथ थे। जब बिलाम यात्रा कर रहा था, परमेश्वर उस पर क्रोधित हो गया। इसलिए यहोवा का दूत बिलाम के सामने सड़क पर खड़ा हो गया। दूत बिलाम को रोकने जा रहा था।
यहोवा के दूत ने बिलाम से कहा, “नहीं, तुम इन लोगों के साथ जा सकते हो। किन्तु सावधान रहो। वही बातें कहो जो मैं तुमसे कहने के लिए कहूँगा।” इसलिए बिलाम बालाक द्वारा भेजे गए नेताओं के साथ गया।
क्यों? क्योंकि अम्मोनी और मोआबी लोगों ने मिस्र से बाहर आने की यात्रा के समय तुम लोगों को रोटी और पानी देने से इन्कार किया था। वे यहोवा के लोगों के भाग इसलिए भी नहीं हो सकते क्योंकि उन्होंने बिलाम को तुम्हें अभिशाप देने के लिए नियुक्त किया था। (बिलाम अरपम्नहरैम में पतोर नगर के बोर का पुत्र था।)