इसलिए मूसा ने इस्राएली लोगों से बातें कीं। प्रत्येक नेता ने उसे एक छड़ी दी। सारी छड़ियों की संख्या बारह थी। हर एक परिवार समूह के नेता की एक छड़ी उसमें थी। हारून की छड़ी उनमें थी।
इस्राएल के सभी लोगों ने हारून और मूसा के विरुद्ध फिर शिकायत की। सभी लोग एक साथ आए और मूसा तथा हारून से उन्होंने कहा, “हम लोगों को मिस्र या मरुभूमि में मर जाना चाहिए था, अपने नए प्रदेश में तलवार से मरने की अपेक्षा यह बहुत अच्छा रहा होता।
किन्तु हम लोगों को यहोवा के विरुद्ध नहीं जाना चाहिए। हम लोगों को उस प्रदेश के लोगों से डरना नहीं चाहिए। हम लोग उन्हें सरलता से हरा देंगे। उनके पास कोई सुरक्षा नहीं है, उन्हें सुरक्षित रखने के लिए उनके पास कुछ नहीं है। किन्तु हम लोगों के साथ यहोवा है। इसलिए इन लोगों से डरो मत!”
मैं एक व्यक्ति को चुनूँगा। तुम जान जाओगे कि किस व्यक्ति को मैंने चुना है। क्योंकि उस छड़ी में नयी पत्तियाँ उगनी आरम्भ होंगी। इस प्रकार, मैं लोगों को अपने और तुम्हारे विरुद्ध सदा शिकायत करने से रोक दूँगा।”