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क्रॉस रेफरेंस
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गिनती 16:35

पवित्र बाइबल

तब यहोवा से आग आई और उसने दो सौ पचास पुरुषों को, जो सुगन्धि भेंट कर रहे थे, नष्ट कर दिया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

14 क्रॉस रेफरेंस  

फिर आग ने उन लोगों की भीड़ को भस्म किया। उन दुष्ट लोगों को आग ने जाला दिया।

हमारा परमेश्वर आ रहा है, और वह चुप नही रहेगा। उसके सामने जलती ज्वाला है, उसको एक बड़ा तूफान घेरे हुए है।

तब मैंने इस पर ध्यान दिया कि शापान का पुत्र याजन्याह और इस्राएल के सत्तर अग्रज (प्रमुख) उस स्थान पर पूजा करने वालों के साथ थे। वहाँ पर वे, लोगों के ठीक सामने थे, और हर एक प्रभुख के हाथ में अपनी सुगन्धि का थाल था। जलती सुगन्धि का धुँआ हवा में उठ रहा था।

इसलिए योहव से ज्वाला प्रकट हुई और उसने नादाब और अबीहू को नष्ट कर दीया। वे यहोवा के सामने मरे।

वे लोग इस्राएली लोगों में परेशानी फैलाने के लिए उत्तरदायी थे। इसलिए यहोवा ने एक बीमारी उत्पन्न करके उन सभी को मर जाने दिया।

तुम में से हर एक को एक अग्निपात्र लेना चाहिए और उसमें धूप रखनी चाहिए। ये दो सौ पचास अग्निपात्र प्रमुखों के लिये होंगे। हर एक अग्निपात्र को यहोवा के सामने ले जाओ। तुम्हें और हारून को अपने अग्निपात्रों को यहोवा के सामने ले जाना चाहिए।”

इन चार व्यक्तियों ने इस्राएल के दो सौ पचास व्यक्तियो को एक साथ इकट्ठा किया और ये मूसा के विरुद्ध आए। ये दो सौ पचास इस्राएली व्यक्ति लोगों में आदरणीय नेता थे। वे समिति के सदस्य चुने गए थे।

इस्राएल के लोगों ने नष्ट किये जाते हुए लोगों का रोना चिल्लाना सुना। इसलिए वे चारों ओर दौड़ पड़े और कहने लगे, “पृथ्वी हम लोगों को भी निगल जाएगी।”

यहोवा ने मूसा से कहा,

किन्तु इसके पहले कि हारून उनके पापों के लिए भुगतान करे, चौदह हजार सात सौ लोग उस बीमारी से मर गए। तब यहोवा ने इसे रोका। वहाँ ऐसे लोग भी थे जो कोरह के कारण मरे।

वही समय था जब पृथ्वी फटी थी और कोरह एवं उसके सभी अनुयायियों को निगल गई थी। कुल दो सौ पचास पुरुष मर गये थे। यह इस्राएल के सभी लोगों के लिए एक संकेत और चेतावनी थी।

किन्तु नादाब और अबीहू यहोवा की सेवा करते समय पाप करने के कारण मर गए। उन्होंने यहोवा को भेंट चढ़ाई, किन्तु उन्होंने उस आग का उपयोग किया जिसके लिए यहोवा ने आज्ञा नहीं दी थी। इस प्रकार नादाब और अबीहू वहीं सीनै की मरुभूमि में मर गए। उनके पुत्र नहीं थे, अतः एलीआज़ार और ईतामार याजक बने और यहोवा की सेवा करने लगे। वे यह उस समय तक करते रहे जब तक उनका पिता हारून जीवित था।

यदि कोई भी उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो उनके मुखों से ज्वाला फूट पड़ती है और उनके शत्रुओं को निगल जाती है। सो यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो निश्चित रूप से उसकी इस प्रकार मृत्यु हो जाती है।




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