अजर्याह आसा से मिलने गया। अजर्याह ने कहा, “आसा तथा यहूदा और बिन्यामीन के सभी लोगो मेरी सुनो! यहोवा तुम्हारे साथ तब है जब तुम उसके साथ हो। यदि तुम यहोवा को खोजोगे तो तुम उसे पाओगे। किन्तु यदि तुम उसे छोड़ोगे तो वह तुम्हें छोड़ देगा।
अमालेकी और कनानी लोग वहाँ तुम्हारे विरुद्ध लड़ेंगे। तुम लोग यहोवा से विमुख हुए हो। इसलिए वह तुम लोगों के साथ नहीं होगा जब तुम लोग उनसे लड़ोगे और तुम सभी उनकी तलवार से मारे जाओगे।”
उस समय, मैं इन पर पहुत क्रोधित होऊँगा और इन्हें छोड़ दूँगा। मैं उनकी सहायता करना बन्द करुँगा और वे नष्ट हो जाएँगे। उनके साथ भयंकर घटनायें होंगी और वे विपत्ति में पड़ेंगे। तब वे कहेंगे, ‘ये बुरी घटनायें हम लोगों के साथ इसलिए हो रही हैं कि हमारा परमेश्वर हमारे साथ नहीं है।’
यही कारण है कि इस्राएल की सेना युद्ध से मुँह मोड़ कर भाग खड़ी हुई। यह उनकी बुराई के कारण हुआ। उन्हें नष्ट कर देना चाहिए। मैं तुम्हारी सहायता नहीं करता रहूँगा। मैं तब तक तुम्हारे साथ नहीं रह सकूँगा जब तक तुम यह नहीं करते। तुम्हें उस हर चीज़ को नष्ट करना चाहिए, जिसे मैंने नष्ट करने का आदेश दिया है।
तब दलीला ने उसे आवाज दी। “शिमशोन पलिश्ती के लोग तुमको पकड़ने जा रहे हैं।” वह जाग पड़ा और सोचा, “मैं पहले की तरह भाग निकलूँ और अपने को स्वतन्त्र रखूँ।” किन्तु शिमशोन को यह नहीं मालूम था कि यहोवा ने उसे छोड़ दिया है।