क्यों क्योंकि मैं यहोवा हूँ। मैं वही कहूँगा, जो मैं कहना चाहूँगा और वह चीज घटित होगी और मैं घटना—काल को लम्बा खींचने नहीं दूँगा। वे विपत्तियाँ शीघ्र आ रही हैं। तुम्हारे अपने जीवनकाल में ही। विद्रोही लोगों! जब मैं कुछ कहता हूँ तो मैं उसे घटित करता हूँ।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
इस समय लोगों ने अपने कष्टों के लिए शिकायत की। यहोवा ने उनकी शिकायतें सुनी। जब यहोवा ने ये बातें सुनीं तो वह क्रोधित हुआ। यहोवा की तरफ से डेरे में आग लग गई। आग ने डेरे के छोर पर के कुछ हिस्से को जला दिया।
इस्राएल के सभी लोगों ने हारून और मूसा के विरुद्ध फिर शिकायत की। सभी लोग एक साथ आए और मूसा तथा हारून से उन्होंने कहा, “हम लोगों को मिस्र या मरुभूमि में मर जाना चाहिए था, अपने नए प्रदेश में तलवार से मरने की अपेक्षा यह बहुत अच्छा रहा होता।
मैंने उनके पूर्वर्जों को वचन दिया था। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि मैं उनको एक महान देश दूँगा। किन्तु उनमें से कोई भी व्यक्ति जो मेरे विरुद्ध में हो चुका है उस देश में प्रवेश नहीं करेगा।
‘मिस्र से आने वाले लोगों और बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस प्रदेश को नहीं देख पाएगा। मैंने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को यह वचन दिया था। मैंने यह प्रदेश इन व्यक्तियों को देने का वचन दिया था। किन्तु इन्होंने मेरा अनुसरण पूरी तरह नहीं किया। इसलिए वे इस प्रदेश को नहीं पाएंगे।