मैंने उनके पूर्वर्जों को वचन दिया था। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि मैं उनको एक महान देश दूँगा। किन्तु उनमें से कोई भी व्यक्ति जो मेरे विरुद्ध में हो चुका है उस देश में प्रवेश नहीं करेगा।
वंशज दिये तूने अनन्त उन्हें जितने अम्बर में तारे हैं। ले आया उनको तू उस धरती पर। जिसके लिये उन के पूर्वजों को तूने आदेश दिया था कि वे वहाँ जाएँ और अधिकार करें उस पर।
किन्तु मैं यह देख सकता हूँ कि मेरी आज्ञा का पालन न करके वह राष्ट्र बुरा काम कर रहा है। तब मैं उस अच्छाई के बारे में फिर सोचूँगा जिसे देने की योजना मैंने उस राष्ट्र के लिये बना रखी है।
मैंने मरूभूमि में उन लोगों को एक और वचन दिया। मैंने वचन दिया कि मैं उन्हें उस प्रदेश में नहीं लाऊँगा जिसे मैं उन्हें दे रहा हूँ। वह अनेक चीजों से भरा एक अच्छा प्रदेश था। यह सभी देशों से अधिक सुन्दर था।
बहुत समय पहले मूसा और याजक हारून ने इस्राएल के लोगों को सीनै मरुभूमि में गिना था। किन्तु वे सभी लोग मर चुके थे। मोआब के मैदान में मूसा ने जिन लोगों को गिना, वे पहले गिने गए लोगों से भिन्न थे।
यह इसलिए हुआ कि यहोवा ने इस्राएल के लोगों से यह कहा था कि वे सभी मरुभूमि मे मरेंगे। जो केवल दो जीवित बचे थे यपुन्ने का पुत्र कालेब और नून का पुत्र यहोशू थे।
‘मिस्र से आने वाले लोगों और बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस प्रदेश को नहीं देख पाएगा। मैंने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को यह वचन दिया था। मैंने यह प्रदेश इन व्यक्तियों को देने का वचन दिया था। किन्तु इन्होंने मेरा अनुसरण पूरी तरह नहीं किया। इसलिए वे इस प्रदेश को नहीं पाएंगे।
देखो, मैंने यह सारा देश तुम्हें दिया है। अन्दर जाओ, और स्वयं उस पर अधिकार करो। यह वही देश है जिसे देने का वचन मैंने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को दिया था। मैंने यह प्रदेश उन्हें तथा उनके वंशजों को देने का वजन दिया था।’”
अब देखो, हमने, जो विश्वासी हैं, उस विश्राम में प्रवेश पाया है। जैसा कि परमेश्वर ने कहा भी है: “मैंने क्रोध में इसी से तब शपथ लेकर कहा था, ‘वे कभी मेरे विश्राम में सम्मिलित नहीं होंगे।’” जब संसार की सृष्टि करने के बाद उसका काम पूरा हो गया था।