हमें जो ज्ञान प्राप्त है उस समूचे का उपयोग करते हुए हम हर किसी को निर्देश और शिक्षा प्रदान करते हैं ताकि हम उसे मसीह में एक परिपूर्ण व्यक्ति बनाकर परमेश्वर के आगे उपस्थित कर सकें। व्यक्ति को उसी की सीख देते हैं तथा अपनी समस्त बुद्धि से हर व्यक्ति को उसी की शिक्षा देते हैं ताकि हर व्यक्ति को मसीह में परिपूर्ण बना कर परमेश्वर के आगे उपस्थित कर सकें।