राजा के द्वार पर महाराजा के सभी मुखिया हामान के आगे झुक कर उसे आदर देने लगे। वे महाराजा की आज्ञा के अनुसार ही ऐसा किया करते थे। किन्तु मोर्दकै ने हामान के आगे झुकने अथवा उसे आदर देने को मना कर दिया।
राजा के वे अधिकारी प्रतिदिन मोर्दकै से ऐसा कहते रहे। किन्तु वह हामान के आगे झुकने के आदेश को मानने से इन्कार करता रहा। सो उन अधिकारियों ने हामान से इसके बारे में बता दिया। वे ये देखना चाहते थे कि हामान मोर्दकै का क्या करता है? मोर्दकै ने उन अधिकारियों को बता दिया था कि वह एक यहूदी था।