इसहाक की पत्नी बच्चे नहीं जन सकी। इसलिए इसहाक ने यहोवा से अपनी पत्नी के लिए प्रार्थना की। यहोवा ने इसहाक की प्रार्थना सुनी और यहोवा ने रिबका को गर्भवती होने दिया।
तब यहोआहाज ने यहोवा से सहायता के लिये प्रार्थना की और यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी। यहोवा ने इस्राएल के लोगों के कष्टों और अराम के राजा के उत्पीड़न को देखा था।
मनश्शे, रूबेन और गाद परिवार समूह के उन लोगों ने युद्ध में परमेश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने परमेश्वर से सहायता मांगी क्योंकि वे उस पर विश्वास करते थे। अतः परमेश्वर ने उनकी सहायता की। परमेश्वर ने उन्हें हग्री लोगों को पराजित करने दिया और उन लोगों ने अन्य लोगों को हराया जो हग्री के साथ थे।
पहले महीने के बारहवें दिन हम लोगों ने अहवा नदी को छोड़ा और हम यरूशलेम की ओर चल पड़े। परमेश्वर हम लोगों के साथ था और उसने हमरी रक्षा शत्रओं और डाकुओं से पूरे मार्ग भर की।
फिर उसी महीने की चौबीसवीं तारीख को एक दिन के उपवास के लिये इस्राएल के लोग परस्पर एकत्र हुए। उन्होंने यह दिखने के लिये कि वे दु:खी और बेचैन हैं, उन्होंने शोक वस्त्र धारण किये, अपने अपने सिरों पर राख डाली।
यहोवा मिस्र के लोगों को दण्ड देगा। फिर यहोवा उन्हें (चंगा) क्षमा कर देगा और वे यहोवा की ओर लौट आयेंगे। यहोवा उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा और उन्हें क्षमा कर देगा।
फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।
इस पर कुरनेलियुस ने कहा, “चार दिन पहले इसी समय दिन के नवें पहर (तीन बजे) मैं अपने घर में प्रार्थना कर रहा था। अचानक चमचमाते वस्त्रों में एक व्यक्ति मेरे सामने आकर खड़ा हुआ।