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क्रॉस रेफरेंस
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एज्रा 8:21

पवित्र बाइबल

वहाँ अहवा नदी के पास, मैंने (एज्रा) घोषणा की कि हमें उपवास रखना चाहिये। हमें अपने को परमेश्वर के सामने विनम्र बनाने के लिये उपवास रखना चाहिये। हम लोग परमेश्वर से अपने लिये, अपने बच्चों के लिये, और जो चीज़ें हमारी थीं, उनके साथ सुरक्षित यात्रा के लिये प्रार्थना करना चाहते थे।

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37 क्रॉस रेफरेंस  

यहोशापात डर गया और उसने यहोवा से यह पूछने का निश्चय किया कि मैं क्या करुँ उसने यहूदा में हर एक के लिये उपवास का समय घोषित किया।

यहूदा के लोग एक साथ यहोवा से सहायता माँगने आए। वे यहूदा के सभी नगरों से यहोवा की सहायता माँगने आए।

मैंने (एज्रा) उन सभी लोगों को अहवा की और बहने वाली नदी के पास एक साथ इकट्ठा होने को बुलाया। हम लोगों ने वहाँ तीन दिन तक डेरा डाला। मुझे यह पता लगा कि उस समूह में याजक थे, किन्तु कोई लेवीवंशी नहीं था।

पहले महीने के बारहवें दिन हम लोगों ने अहवा नदी को छोड़ा और हम यरूशलेम की ओर चल पड़े। परमेश्वर हम लोगों के साथ था और उसने हमरी रक्षा शत्रओं और डाकुओं से पूरे मार्ग भर की।

फिर उसी महीने की चौबीसवीं तारीख को एक दिन के उपवास के लिये इस्राएल के लोग परस्पर एकत्र हुए। उन्होंने यह दिखने के लिये कि वे दु:खी और बेचैन हैं, उन्होंने शोक वस्त्र धारण किये, अपने अपने सिरों पर राख डाली।

बाबुल की नदियों के किनारे बैठकर हम सिय्योन को याद करके रो पड़े।

हे यहोवा, तू मुझको अपनी नेकी का मार्ग दिखा। तू अपनी राह को मेरे सामने सीधी कर क्योंकि मैं शत्रुओं से घिरा हुआ हूँ।

वे लोग सत्य नहीं बोलते। वे झूठे हैं, जो सत्य को तोड़ते मरोड़ते रहते हैं। उनके मुख खुली कब्र के समान हैं। वे औरों से उत्तम चिकनी—चुपड़ी बातें करते किन्तु वे उन्हें बस जाल में फँसाना चाहते हैं।

बालकों और छोटे शिशुओं के मुख से, तेरे प्रशंसा के गीत उच्चरित होते हैं। तू अपने शत्रुओं को चुप करवाने के लिये ऐसा करता है।

उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।

तब यदि तुम बुरे काम करोगे और बुरा जीवन जीओगे (दाहिनी ओर अथवा बायीं ओर) तो तुम अपने पीछे एक आवाज़ को कहते सुनोगे, “खरी राह यह है। तुझे इसी राह में चलना है।”

उस समय, वहाँ एक राह बन जायेगी और इस राजमार्ग का नाम होगा “पवित्र मार्ग”। उस राह पर अशुद्ध लोगों को चलने की अनुमति नहीं होगी। कोई भी मूर्ख उस राह पर नहीं चलेगा। बस परमेश्वर के पवित्र लोग ही उस पर चला करेंगे।

फिर मैं अन्धों को ऐसी राह दिखाऊँगा जो उनको कभी नहीं दिखाई गयी। नेत्रहीन लोगों को मैं ऐसी राह दिखाऊँगा जिन पर उनका जाना कभी नहीं हुआ। अन्धेरे को मैं उनके लिये प्रकाश में बदल दूँगा। ऊँची नीची धरती को मैं समतल बनाऊँगा। मैं उन कामों को करुँगा जिनका मैंने वचन दिया है! मैं अपने लोगों को कभी नहीं त्यागूँगा।

लोग भूखे नहीं रहेंगे, लोग प्यासे नहीं रहेंगे। गर्म सूर्य, गर्म हवा उनको दु:ख नहीं देंगे। क्यों क्योंकि वही जो उन्हें चैन देता है, (परमेश्वर) उनको राह दिखायेगा। वही लोगों को पानी के झरनों के पास—पास ले जायेगा।

अब वे लोग कहते हैं, “तेरे प्रति आदर दिखाने के लिये हम भोजन करना बन्द कर देते हैं। तू हमारी ओर देखता क्यों नहीं तेरे प्रति आदर व्यक्त करने के लिये हम अपनी देह को क्षति पहुँचाते हैं। तू हमारी ओर ध्यान क्यों नहीं देता” किन्तु यहोवा कहता है, “उपवास के उन दिनों में उपवास रखते हुए तुम्हें आनन्द आता है किन्तु उन्हीं दिनों तुम अपने दासों का खून चूसते हो।

तुम क्या यह सोचते हो कि भोजन नहीं करने के उन विशेष दिनों में बस मैं लोगों को अपने शरीरों को दु:ख देते देखना चाहता हूँ क्या तुम ऐसा सोचते हो कि मैं लोगों को दु:खी देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को मुरझाये हुए पौधों के समान सिर लटकाये और शोक वस्त्र पहनते देखना चाहता हूँ क्या तुम यह सोचते हो कि मैं लोगों को अपना दु:ख प्रकट करने के लिये राख में बैठे देखना चाहता हूँ यही तो वह सब कुछ है जो तुम खाना न खाने के दिनों में करते हो। क्या तुम ऐसा सोचते हो कि यहोवा तुमसे बस यही चाहता है

हे यहोवा, मैं जानता हूँ कि व्यक्ति सचमुच अपनी जिन्दगी का मालिक नहीं है। लोग सचमुच अपने भविष्य की योजना नहीं बना सकते हैं। लोग सचमुच नहीं जानते कि कैसे ठीक जीवित रहा जाये।

यिर्मयाह, अपने परमेश्वर यहोवा से यह प्रार्थना करो कि वह बताये कि हमें कहाँ जाना चाहिये और हमें क्या करना चाहिये।”

फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।

लोगों को बता दो कि एक ऐसा समय आयेगा जब भोजन नहीं किया जायेगा। एक विशेष सभा के लिए लोगों को बुला लो। सभा में मुखियाओं और उस धरती पर रहने वाले सभी लोगों को इकट्ठा करो। उन्हें अपने यहोवा परमेश्वर के मन्दिर में ले आओ और यहोवा से विनती करो।

“यह नियम तुम्हारे लिए सदैव रहेगा: सातवें महीने के दसवें दिन तुम्हें उपवास करना चाहिए। तुम्हें कोई काम नहीं करना चाहिए। तुम्हारे साथ रहने वाले यात्री या विदेशी भी कोई काम नहीं कर सगेंगे।

यह दिन तुम्हारे लिए आराम करने का विशेष दिन है। तुम्हें इस दिन उपवास करना चाहिए। यह नियम सदैव के लिए होगा।

“यदि कोई व्यक्ति उस दिन उपवास करने से मना करता है तो उसे अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए।

परमेश्वर की ओर से मिले इस सन्देश पर, नीनवे के लोगों ने विश्वास किया और उन लोगों ने कुछ समय के लिए खाना छोड़कर अपने पापों पर सोच—विचार करने का निर्णय लिया। लोगों ने अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये विशेष प्रकार के वस्त्र धारण कर लिये। नगर के सभी लोगों ने चाहे वे बहुत बड़े या बहुत छोटे हो, ऐसा ही किया।

राजा ने एक विशेष सन्देश लिखवाया और उस सन्देश की सारे नगर में घोषणा करवा दी: राजा और उसके बड़े शासकों की ओर से आदेश था: कुछ समय के लिये कोई भी पुरूष अथवा कोई भी पशु कुछ भी नहीं खायेगा। किसी रेवड़ या पशुओं के झुण्ड को चरागाहों में नहीं जाने दिया जायेगा। नीनवे के सजीव प्राणी न तो कुछ खायेंगे और न ही जल पीयेंगे।

क्या यहोवा हम लोगों को इस नये प्रदेश में मरने के लिए लाया है? हमारी पत्नियाँ और हमारे बच्चे हमसे छीन लिए जाएंगे और हम तलवार से मार डाले जाएंगे। यह हम लोगों के लिए अच्छा होगा कि हम लोग मिस्र को लौट जाएं।”

तुम लोग डर गए थे और तुम लोगों ने शिकायत की कि उस नये देश में तुम्हारे शत्रु तुम्हारे बच्चों को तुमसे छीन लेंगे। किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ कि मैं उन बच्चों को उस देश में ले जाऊँगा। वे उन चीज़ों का भोग करेंगे जिनका भोग करना तुमने स्वीकार नहीं किया।

क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम्हारे लिये, तुम्हारी संतानों के लिए और उन सबके लिये है जो बहुत दूर स्थित हैं। यह प्रतिज्ञा उन सबके लिए है जिन्हें हमारा प्रभु परमेश्वर को अपने पास बुलाता है।”

तब इस्राएल के सभी लोग बेतेल नगर तक गए। उस स्थान पर वे बैठे और यहोवा को रोकर पुकारा। उन्होंने पूरे दिन शाम तक कुछ नहीं खाया। वे होमबलि और मेलबलि भी यहोवा के लिये लाए।

इस्राएली मिस्पा में एक साथ इकट्ठे हुए। वे जल लाये और यहोवा के सामने वह जल चढ़ाया। इस प्रकार उन्होंने उपवास का समय आरम्भ किया। उन्होने उस दिन भोजन नहीं किया और उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है।” इस प्रकार शमूएल ने मिस्पा में इस्राएल के न्यायाधीश के रूप में काम किया।




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