एज्रा 6:3पवित्र बाइबलकुस्रू के राजा होने के प्रथम वर्ष में कुस्रू ने यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर के लिये एक आदेश दिया। आदेश यह था: परमेश्वर का मन्दिर फिर से बनने दो। यह बलि भेंट करने का स्थान होगा। इसकी नींव को बनने दो। मन्दिर साठ हाथ ऊँचा और साठ हाथ चौड़ा होना चाहिए। अध्याय देखें |
तब उन लोगों ने जो बन्धुवाई से छूट कर आये थे, संगतराशों और बढ़ईयों को धन दिया और उन लोगों ने उन्हें भोजन, दाखमधु और जैतून का तेल दिया। उन्होंने इन चीजों का उपयोग सोर और सीदोन के लोगों को लबानोन से देवदार के लट्ठों को लाने के लिये भुगतान करने में किया। वे लोग चाहते थे कि जापा नगर के समुद्री तट पर लट्ठों को जहाजों द्वारा ले आएँ। जैसा कि सुलैमान ने किया था जब उसने पहले मन्दिर को बनाया था। फारस के राजा कुस्रू ने यह करने के लिये उन्हें स्वीकृति दे दी।
अत: यहूदी अग्रजों (प्रमुखों) ने निर्माण कार्य जारी रखा और वे सफल हुए क्योंकि हाग्गै नबी और इद्दो के पुत्र जकर्याह ने उन्हें प्रोत्साहित किया। उन लोगों ने मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया। यह इस्राएल के परमेश्वर के आदेश का पालन करने के लिये किया गया। यह फारस के राजाओं, कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र ने जो आदेश दिये थे उनका पालन करने के लिये किया गया।