पृथ्वी के सभी जानवर तुम्हारे डर से काँपेंगे और आकाश का हर एक पक्षी भी तुम्हारा आदर करेगा और तुमसे डरेगा। पृथ्वी पर रेंगने वाला हर एक जीव और समुद्र की हर एक मछली तुम लोगों का आदर करेगी और तुम लोगों से डरेगी। तुम इन सभी के ऊपर शासन करोगे।
“यदि याजक को कोई ऐसा जानवर मिलता है जो स्वयं मर गया हो या किसी अन्य जानवर द्वारा मार दिया गया हो तो उसे मरे जानवर को नहीं खाना चाहिए। यदि वह व्यक्ति उस जानवर को खाता है तो वह अशुद्ध होगा। मैं यहोवा हूँ!
प्रभु यीशु में आस्थावान होने के कारण मैं मानता हूँ कि अपने आप में कोई भोजन अपवित्र नहीं है। वह केवल उसके लिए अपवित्र हैं, जो उसे अपवित्र मानता हैं, उसके लिए उसका खाना अनुचित है।
भोजन के लिये परमेश्वर के काम को मत बिगाड़ो। हर तरह का भोजन पवित्र है किन्तु किसी भी व्यक्ति के लिये वह कुछ भी खाना ठीक नहीं है जो किसी और भाई को पाप के रास्ते पर ले जाये।
तो वह जो हर तरह का खाना खाता है, उसे उस व्यक्ति को हीन नहीं समझना चाहिए जो कुछ वस्तुएँ नहीं खाता। वैसे ही वह जो कुछ वस्तुएँ नहीं खाता है, उसे सब कुछ खाने वाले को बुरा नहीं कहना चाहिए। क्योंकि परमेश्वर ने उसे अपना लिया है।
जैसा कि कहा गया है कि, “हम कुछ भी करने के लिये स्वतन्त्र हैं।” पर सब कुछ हितकारी तो नहीं है। “हम कुछ भी करने के लिए स्वतन्त्र हैं” किन्तु हर किसी बात से विश्वास सुदृढ़ तो नहीं होता।
“जिस किसी जगह तुम रहो तुम नीलगाय या हिरन जैसे अच्छे जानवरों को मारकर खा सकते हो। तुम उतना माँस खा सकते हो जितना तुम चाहो, जितना यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तम्हें दे। कोई भी व्यक्ति इस माँस को खा सकता है, चाहे वह पवित्र हो या अपवित्र।