इस तरह येरेद पूरे नौ सौ बांसठ वर्ष जीवित रहा, तब वह मरा।
हनोक के जन्म के बाद येरेद आठ सौ वर्ष जीवित रहा। इन दिनों में उसे दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ पैदा हुईं।
जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ, उसे मतूशेलह नाम का पुत्र पैदा हुआ।
नूह पूरे साढ़े नौ सौ वर्ष जीवित रहा, तब वह मरा।