दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है। दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं। इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है। ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं।
सिय्योन पर कौन जो इस्राएल को बचाता है? वह तो यहोवा है, जो इस्राएल की रक्षा करता है! यहोवा के लोगों को दूर ले जाया गया और उन्हें बलपूर्वक बन्दी बनाया गया। किन्तु यहोवा अपने भक्तों को वापस छुड़ा लायेगा। तब याकूब (इस्राएल) अति प्रसन्न होगा।
यहोवा ही मेरी शक्ति है। वह हमें बचाता है और मैं गाता हूँ गीत उसकी प्रशंसा के। मेरा परमेश्वर यहोवा है और मैं उसकी स्तुति करता हूँ। मेरे पूर्वजों का परमेश्वर यहोवा है और मैं उसका आदर करता हूँ।
उस समय लोग ऐसा कहेंगे, “देखो यह हमारा परमेश्वर है! यह वही है जिसकी हम बाट जोह रहे थे। यह हमको बचाने को आया है। हम अपने यहोवा की प्रतीक्षा करते रहे। अत: हम खुशियाँ मनायेंगे और प्रसन्न होंगे कि यहोवा ने हमको बचाया है।”
यहोवा तुम पर अपनी करुणा दर्शाना चाहता है। यहोवा बाट जोह रहा है। यहोवा तुम्हें सुख चैन देने के लिए तैयार खड़ा है। यहोवा खरा परमेश्वर है और हर वह व्यक्ति जो यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा में है, धन्य (आनन्दित) होगा।
“यदि तुम अब भी मेरे स्वामी से युद्ध करना चाहते हो तो अश्शूर का राजा तुमसे यह सौदा करना चाहेगा: राजा का कहना है, ‘यदि युद्ध में तुम्हारे पास घुड़सवार पूरे हैं तो मैं तुम्हें दो हजार घोड़े दे दूँगा।’
वह वाचा यह है: मैं सहायता पाने के लिये यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा। यहोवा याकूब के घराने से लज्जित है। वह उनको देखना तक नहीं चाहता है। किन्तु मैं यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा, वह हमारी रक्षा करेगा।
इसलिये अरिमतिया का यूसुफ़ आया। वह यहूदी महासभा का सम्मानित सदस्य था और परमेश्वर के राज्य के आने की बाट जोहता था। साहस के साथ वह पिलातुस के पास गया और उससे यीशु का शव माँगा।