योआब ने भूमि तक अपना माथा झुकाया। उसने राजा दाऊद के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, “आज मैं समझता हूँ कि आप मुझ पर प्रसन्न हैं। मैं यह समझता हूँ क्योंकि आपने वही किया जो मेरी माँग थी।”
तब तोई ने अपने पुत्र योराम को दाऊद के पस भेजा। योराम ने दाऊद का अभिवादन किया और आशीर्वाद दिया क्योंकि दाऊद ने हददेजेर के विरुद्ध युद्ध किया और उसे पराजित किया था। (हददेजेर ने, तोई से पहले, युद्ध किये थे।) योराम चाँदी, सोने और ताँबे की बनी चीजें लाया।
अगले दिन सुलैमान ने लोगों से घर जाने को कहा। सभी लोगों ने राजा को धन्यवाद दिया, विदा ली और वे घर चले गये। वे प्रसन्न थे क्योंकि यहोवा ने अपने सेवक दाऊद के लिये और इस्राएल के लोगों के लिये बहुत सारी अच्छी चीज़ें की थीं।
तब एलीशा ने गेहजी से कहा, “जाने के लिये तैयार हो जाओ। मेरी टहलने की छड़ी ले लो और जाओ। किसी से बात करने के लिये न रुको। यदि तुम किसी व्यक्ति से मिलो तो उसे नमस्कार भी न कहो। यदि कोई व्यक्ति नमस्कार करे तो तुम उसका उत्तर भी न दो। मेरी टहलने की छड़ी को बच्चे के चेहरे पर रखो।”
एली, एल्काना और उसकी पत्नी को आशीर्वाद देता था। एली ने कहा, “यहोवा तुम्हें हन्ना द्वारा सन्तान देकर बदला दे। ये बच्चे उस लड़के का स्थान लेंगे जिसके लिये हन्ना ने प्रार्थना की थी और यहोवा को दिया था।” तब एल्काना और हन्ना घर लौटे, और