इन बातों के हो जाने के बाद यहोवा का आदेश अब्राम को एक दर्शन में आया। परमेश्वर ने कहा, “अब्राम, डरो नहीं। मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और मैं तुम्हें एक बड़ा पुरस्कार दूँगा।”
तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “तुम्हें ये बातें जाननी चहिए। तुम्हारे वंशज विदेशी बनेंगे और वे उस देश में जांएगे जो उनका नहीं होगा। वे वहाँ दास होंगे। चार सौ वर्ष तक उनके साथ बुरा व्यवहार होगा।
उज्जिय्याह ने परमेश्वर का अनुसरण जकर्याह के जीवन—काल में किया। जकर्याह ने उज्जिय्याह को शिक्षा दी कि परमेश्वर का सम्मान और उसकी आज्ञा का पालन कैसे किया जाता है। जब उज्जिय्याह यहोवा की आज्ञा का पालन कर रहा था तब परमेश्वर ने उसे सफलता दिलाई।
यहोवा ने कहा, “मेरी बात सुनो जब मैं तुम लोगों में नबी भेजूँगा, तब मैं अर्थात् यहोवा अपने आपको उसके दर्शन में दिखाऊँगा और मैं उससे उसके सपने में बात करूँगा।
ये शब्द कहे गए, क्योंकि मैं परमेश्वर की बात सुनता हूँ। मैं उन चीज़ों को देख सकता हूँ जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर चाहता है की मैं देखूँ। मैं जो कुछ स्पष्ट देख सकता हूँ वही नम्रता के साथ कहता हूँ।
तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “मैं तुम्हारे आदमियों की सहायता मिद्यानी लोगों को हराने के लिये करने जा रहा हूँ। किन्तु तुम्हारे पास इस काम के लिए आवश्यकता से अधिक व्यक्ति हैं। मैं नहीं चाहता कि इस्राएल के लोग मुझे भूल जायें और शेखी मारें कि उन्होंने स्वयं अपनी रक्षा की।