तब दाखमधु देने वाले नौकर को यूसुफ याद आ गया। नौकर ने फ़िरौन से कहा, “मेरे साथ जो कुछ घटा वह मुझे याद आ रहा है।
किन्तु जब तुम स्वतन्त्र हो जाओगे तो मुझे याद रखना। मेरी सहायता करना। फ़िरौन से मेरे बारे में कहना जिससे मैं इस कारागार से बाहर हो सकूँ।
किन्तु दाखमधु देने वाले नौकर को यूसुफ की सहायता करना याद नहीं रहा। उसने यूसुफ के बारे में फ़िरौन से कुछ नहीं कहा। दाखमधु देने वाला नौकर यूसुफ के बारे में भूल गया।
यूसुफ को तब तक बंदी बनाये रखा जब तक वे बातें जो उसने कहीं थी सचमुच घट न गयी। यहोवा ने सुसन्देश से प्रमाणित कर दिया कि यूसुफ उचित था।