किन्तु दाखमधु देने वाले नौकर को यूसुफ की सहायता करना याद नहीं रहा। उसने यूसुफ के बारे में फ़िरौन से कुछ नहीं कहा। दाखमधु देने वाला नौकर यूसुफ के बारे में भूल गया।
एक रात दोनों कैदियों ने एक सपना देखा। (दोनों कैदी मिस्र के राजा के राजा के रोटी पकानेवाले तथा दाखमधु देने वाले नौकर थे।) हर एक कैदी के अपने—अपने सपने थे और हर एक सपने का अपना अलग अलग अर्थ था।
उस रात राजा सो नहीं पाया। सो उसने अपने एक दास से इतिहास की पुस्तक लाकर अपने सामने उसे पढ़ने को कहा। (राजाओं के इतिहास की पुस्तक में वह सब कुछ अंकित रहता है जो एक राजा के शासनकाल के दौरान घटित होता है।)
यदि वे दोनों चीजों को दिखाने के बाद भी विश्वास न करें तो तुम नील नदी से कुछ पानी लेना। पानी को ज़मीन पर गिराना शुरु करना और ज्यों ही यह ज़मीन को छूएगा, खून बन जाएगा।”
कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘मिस्र के राजा फिरौन, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ। तुम नील नदी के किनारे विश्राम करते हुए विशाल दैत्य हो। तुम कहते थे, “यह मेरी नदी है! मैंने यह नदी बनाई है!”
मिस्र खाली और नष्ट हो जाएगा। तब वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ।” परमेश्वर ने कहा, “मैं वे काम क्यों करूँगा क्योंकि तुमने कहा, ‘यह मेरी नदी है। मैंने इस नदी को बनाया।’
पिलातुस जब न्याय के आसन पर बैठा था तो उसकी पत्नी ने उसके पास एक संदेश भेजा, “उस सीधे सच्चे मनुष्य के साथ कुछ मत कर बैठना। मैंने उसके बारे में एक सपना देखा है जिससे आज सारे दिन मैं बेचैन रही।”
जो देश तुम पाओगे वह मिस्र की तरह नहीं है जहाँ से तुम आए। मिस्र में तुम बीज बोते थे और अपने पौधों को सींचने के लिए नहरों से अपने पैरों का उपयोग कर पानी निकालते थे। तुम अपने खेतों को वैसे ही सींचते थे जैसे तुम सब्जियों के बागों की सिंचाई करते थे।