उस अंगूर की बेल की तीन शाखाएँ थीं। मैंने शाखाओं में फूल आते और उन्हें अँगूर बनते देखा।
मैं फ़िरौन का प्याला लिए था। इसलिए मैंने अंगूरों को लिया और प्याले में रस निचोड़ा। तब मैंने प्याला फ़िरौन को दिया।”
इसलिए दाखमधु देने वाले नौकर ने यूसुफ को अपना सपना बताया। नौकर ने कहा, “मैंने सपने में अँगूर की बेल देखी।
मैं गिरीदार पेड़ों के बगीचे में घाटी की बहार को देखने को उतर गयी, यह देखने कि अंगूर की बेले कितनी बड़ी हैं और अनार की कलियाँ खिली हैं कि नहीं।
अगले दिन मूसा ने तम्बू में प्रवेश किया। उसने देखा कि हारून की वह छड़ी, जो लेवीवंश की थी, एक मात्र ऐसी थी जिससे नयी पत्तियाँ उगनी आरम्भ हुई थीं। उस छड़ी में कलियाँ, फूल और बादाम भी लग गए थे।
पर जब हेरोदेस ने यह सुना तो वह बोला, “यूहन्ना जिसका सिर मैंने कटवाया था, वही जी उठा है।”