किन्तु यूसुफ ने मना कर दिया। उसने कहा, “मेरा मालिक घर की अपनी हर चीज़ के लिए मुझ पर विश्वास करता है। उसने यहाँ की हर एक चीज़ की ज़िम्मेदारी मुझे दी है।
मेरे मालिक ने अपने घर में मुझे लगभग अपने बराबर मान दिया है। किन्तु मुझे उसकी पत्नी के साथ नहीं सोना चाहिए। यह अनुचित है। यह परमेश्वर के विरुद्ध पाप है।”
यौनाचार से दूर रहो। दूसरे सभी पाप जिन्हें एक व्यक्ति करता है, उसके शरीर से बाहर होते हैं किन्तु ऐसा व्यक्ति जो व्यभिचार करता है वह तो अपने शरीर के ही विरुद्ध पाप करता है।
इसलिए मैं चाहता हूँ कि युवती-विधवाएँ विवाह कर लें और संतान का पालन-पोषण करते हुए अपने घर बार की देखभाल करें ताकि हमारे शत्रुओं को हम पर कटाक्ष करने का कोई अवसर न मिल पाए।
हे प्रिय मित्रों, मैं तुम से, जो इस संसार में अजनबियों के रूप में हो, निवेदन करता हूँ कि उन शारीरिक इच्छाओं से दूर रहो जो तुम्हारी आत्मा से जूझती रहती हैं।