यूसुफ अपने पिता को अपने भाईयों की बुरी बातें बताया करता था। यूसुफ उस समय उत्पन्न हुआ जब उसका पिता इस्राएल (याकूब) बहुत बूढ़ा था। इसलिए इस्राएल यूसुफ को अपने अन्य पुत्रों से अधिक प्यार करता था। याकूब ने अपने पुत्र को एक विशेष अंगरखा दिया। यह अंगरखा लम्बा और बहुत सुन्दर था।
उन्होंने आपस में बात की, “हम लोग दण्डित किए गए हैं। क्योंकि हम लोगों ने अपने छोटे भाई के साथ बुरा किया है। हम लोगों ने उसके कष्टों को देखा जिसमें वह था। उसने अपनी रक्षा के लिए हम लोगों से प्रार्थना की। किन्तु हम लोगों ने उसकी एक न सुनी। इसलिए हम लोग दुःखों में हैं।”
अत: अम्नोन का सेवक तामार को कमरे के बाहर ले गया और उसके जाने पर ताला लगा दिया। तामार ने कई रंग का लबादा पहन रखा था। राजा की कुवाँरी कन्यायें ऐसा ही लबादा पहनती थीं।