इसलिए लाबान याकूब के तम्बू में गया और उसमें ढूँढा। उसने याकूब के तम्बू में ढूँढा और तब लिआ के तम्बू में भी। तब उसने उस तम्बू में ढूँढा जिसमें दोनों दासियाँ ठहरी थीं। किन्तु उसने उसके घर से देवताओं को नहीं पाया। तब लाबान राहेल के तम्बू में गया।
और राहेल ने अपने पिता से कहा, “पिताजी, मुझ पर क्रोध न हो। मैं आपके सामने खड़ी होने में असमर्थ हूँ। इस समय मेरा मासिकधर्म चल रहा है।” इसलिए लाबान ने पूरे तम्बू में ढूँढा, लेकिन वह उसके घर से देवताओं को नहीं पा सका।
इसी प्रकार, इस्राएल के लोग बहुत दिनों तक बिना किसी राजा या मुखिया के रहेंगे। वे बिना किसी बलिदान अथवा बिना किसी स्मृति पत्थर के रहेंगे। उनके पास कोई याजकों की पोशाक नहीं होगी या उनके कोई गृह देवता नहीं होंगे।
मीका ने उत्तर दिया, “दान के तुम लोग, तुमने मेरी मूर्तियाँ ली है। मैंने उन मूर्तियों को अपने लिये बनाया है। तुमने हमारे याजक को भी ले लिया है। तुमने छोड़ा ही क्या है? तुम मुझे कैसे पूछ सकते हो, ‘समस्या क्या है?’”
आज्ञा के पालन से इनकार करना जादूगरी करने के पाप जैसा है। हठी होना और मनमानी करना मूर्तियों की पूजा करने जैसा पाप है। तुमने यहोवा की आज्ञा मानने से इन्कार किया। इसी करण यहोवा अब तुम्हें राजा के रूप में स्वीकार करने से इन्कार करता है।”