राहेल गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया। राहेल ने कहा, “परमेश्वर ने मेरी लज्जा समाप्त कर दी है और मुझे एक पुत्र दिया है।” इसलिए राहेल ने अपने पुत्र का नाम यूसुफ रखा।
यहोवा ने देखा कि याकूब लिआ से अधिक राहेल को प्यार करता है। इसलिए यहोवा ने लिआ को इस योग्य बनाया कि वह बच्चों को जन्म दे सके। लेकिन राहेल को कोई बच्चा नहीं हुआ।
उस समय, सात सात स्त्रियाँ एक पुरुष को दबोच लेंगी और उससे कहेंगी, “अपने खाने के लिये हम, अपनी रोटियों का जुगाड़ स्वयं कर लेंगी, अपने पहनने के लिए कपड़े हम स्वयं बनायेंगी। बस तू हमसे विवाह कर ले! ये सब काम हमारे लिए हम खुद ही कर लेंगी। बस तू हमें अपना नाम दे। कृपा कर के हमारी शर्म पर पर्दा डाल दे।”
तब उसकी पुत्री ने अपने पिता यिप्तह से कहा, “किन्तु मेरे लिये पहले एक काम करो। दो महीने तक मुझे अकेली रहने दो। मुझे पहाड़ों पर जाने दो। मैं विवाह नहीं करूँगी, मेरा कोई बच्चा नहीं होगा। अत: मुझे और मेरी सहेलियों को एक साथ रोने चिल्लाने दो।”