इसलिए लाबान ने उस जगह के सभी लोगों को एक दावत दी।
सात साल के बाद उसने लाबान से कहा, “मुझे राहेल को दो जिससे मैं उससे विवाह करूँ। तुम्हारे यहाँ मेरे काम करने का समय पूरा हो गया।”
उस रात लाबान अपनी पुत्री लिआ को याकूब के पास लाया। याकूब और लिआ ने परस्पर शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किया।
एस्तेर के लिये राजा ने एक बहुत बड़ी भोज दी। यह भोज उसके महत्वपूर्ण व्यक्तियों और मुखियाओं के लिये थी। उसने सभी प्रातों में छुटटी की घोषणा कर दी। उसने लोगों को उपहार भिजवाये क्योंकि वह बहुत उदार था।
फिर वह मुझसे कहने लगा, “लिखो वे धन्य हैं जिन्हें इस विवाह भोज में बुलाया गया है।” उसने फिर कहा, “ये परमेश्वर के सत्य वचन हैं।”